कहीं आप भी तो नहीं हो रहे बीमार, जानिए थायराइड बढ़ने के लक्षण और थायराइड कितने दिन में ठीक हो जाता है
बीबीसी के एक आर्टिकल के अनुसार भारत में हर 100 में से 10 व्यक्ति थायराइड की परेशानी से जूझ रहा है. आइए जानते है, थायराइड बढ़ने के लक्षण और...ठीक होने का समय एवम् दावा.
बीबीसी के एक आर्टिकल के अनुसार भारत में हर 100 में से 10 व्यक्ति थायराइड की परेशानी से जूझ रहा है. और उनमें से एक तिहाई लोगों को पता भी नहीं है कि वह थायराइड से पीड़ित है. इसी आर्टिकल के अनुसार ऐसा कहा गया है कि 2021 के आंकड़ों में, भारत में करीब 4.5 करोड़ मरीज थायराइड से पीड़ित हैं. यह सामान्य तौर पर महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है. लेकिन यह ऐसी बीमारी है जिसके पीड़ित मरीज को यह पता ही नहीं होता है कि वह थायराइड से पीड़ित है. कहीं आप भी इस बीमारी के चपेट में तो नहीं आ चुके हैं. इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ें और जानिए थायराइड बढ़ने के लक्षण और अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहे.
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थायराइड क्या है?
थायराइड गर्दन के पास गले में पाए जाने वाली एक ग्रंथि यानी ग्लैंड होती है. जो तितली के आकार की होती है. और यह ऐसा हार्मोन पैदा करती है. जो दिल दिमाग और शरीर के दूसरे अंगों को सही तरीके से नियंत्रित करने का कार्य करती है. जब यही ग्रंथि सामान्य से कम या अधिक हार्मोन रिलीज करने लगती है, तो इसे थायराइड के लक्षण कहे जाते हैं. और इस असंतुलन का हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.
Thairaid से संबंधित तीन प्रकार की समस्या हो सकती है:
जब यह ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन पैदा नहीं कर पाती है. तो ऐसी स्थिति को हाइपोथाइराडिज्म कहते हैं. ऐसी स्थिति में शरीर उतना सक्रिय नहीं रह पाता है. और शरीर को उतनी ऊर्जा नहीं मिल पाती है. जितनी पर्याप्त ऊर्जा उसे मिलनी चाहिए. इस वजह से शरीर थका-थका सा रहता है. और इसके साथ ही इससे प्रभावित होने वाले सारे अंग मंद काम करते हैं.
दूसरी स्थिति तब उत्पन्न होती है. जब यह ग्रंथि सामान्य से ज्यादा हार्मोन पैदा करने लगती है. ऐसी स्थिति को हाइपर थाइरॉडिज्म कहते हैं. इस स्थिति को इस प्रकार समझा जा सकता है कि अगर शरीर एक मशीन है. तो कोई मशीन अगर अपने तय गति से ज्यादा तेजी से चलने लगे. तो किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वैसे ही चीज हमारे शरीर के साथ भी होती है.
और तीसरी स्थिति तब उत्पन्न होती है जब थायराइड ग्रंथि में सूजन पैदा हो जाता है. जिसे इस स्थिति को गोइटर कहते हैं. यह अगर दवाई से ठीक नहीं होता है, तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी करनी पड़ती है.
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थायराइड बढ़ने के लक्षण क्या हैं
पहली स्थिति में पर्याप्त मात्रा में हार्मोन पैदा नहीं होते तो इस तरह के थायराइड बढ़ने के लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- वजन का बढ़ना
- पैरों में सूजन
- चेहरे में सूजन
- आलस होना
- भूख न लगना
- बहुत नींद आना
- कमजोरी होना
- बहुत ठंड लगना
- महिलाओं के महावारी चक्र में परेशानी
- गर्भधारण की समस्या
- बाल का झड़ना
- दिल की धड़कन का गति का धीमा होना
- अवसाद में रहना
- नाखून का पतला होना और टूटना
- त्वचा में रूखापन आना और खुजली होना
- कब्ज होना
- याददाश्त कमजोर रहना
- सोचने समझने की शक्ति का कम होना
- जोरो में दर्द होना
- मांसपेशियों में अकड़न होना
वहीं दूसरी स्थिति में जब हार्मोन सामान्य मात्रा से ज्यादा बनने लगता है तो उनमें यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- हाथ पैर कांपना
- गर्मी ज्यादा लगना
- मूड स्विंग होना
- नींद ना आना
- बेचैनी होना
- पसीना अधिक आना
- चिडचिडाहट का होना
- दिल की धड़कन का तेज होना
- तेज भूख लगना
थायराइड का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है
थायराइड का पता लगाने के लिए थाइरॉएड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है. जिससे यह पता चल पाता है कि इसके द्वारा पैदा किया जाने वाला हार्मोन किस मात्रा में प्रोड्यूस हो रहा है. अगर इस टेस्ट के औसत कीमत की बात की जाए. तो औसत खर्च मात्र ₹200 है.
यह नार्मल कितना होना चाहिए
सामान्य तौर पर देखा जाए तो सीके बिरला अस्पताल के एक आर्टिकल में यह बताया गया है कि महिलाओं में थायराइड का पैमाना 0.4 से लेकर 4.0 ML के बीच होना चाहिए. वहीं पुरुषों में या पैमाने थोड़ा ज्यादा है. और यह 0.5 से लेकर 4.1 ML के बीच होना चाहिए. इसे नार्मल थायराइड समझा जाता है
थायराइड कितने दिन में ठीक हो जाता है
थायराइड का ठीक होना उसकी स्थिति, इलाज और मरीज के दैनिक दिनचर्या पर निर्भर करता है. अगर दिनचर्या में बदलाव कर समय पर दवाइयां ली जाए तो सामान्य स्थिति में यह कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीनो तक में ही ठीक हो सकता है. वहीं कुछ क्रिटिकल कंडीशन में इसे ठीक होने में काफी समय लगता है. अगर बात सर्जरी की की जाए. तो सर्जरी के माध्यम से थायराइड का निदान कुछ दिनों में ही मिल जाता है.
इसकी गोली कब लेनी चाहिए
अगर लगातार थायराइड से संबंधित लक्षण दिखाई दे रहे हैं. और आपका शरीर अंदर से स्वस्थ नहीं लग रहा हो. तो आपको संबंधित डॉक्टर या विशेषज्ञ कंसलटेंट से संपर्क करना चाहिए. और उनके सलाह के बाद ही किसी प्रकार की दवाई लेनी चाहिए.
जहां तक बात थायराइड की गोली के सेवन की है. तो सामान्य सुझाव यही दिया जाता है कि सुबह के समय थायराइड की दवा का असर काफी प्रभावी होता है. थायराइड की गोली सुबह खाली पेट लेनी चाहिए या कुछ खाने से आधे या पौने घंटे पहले ही ले लेनी चाहिए.
थायराइड कैसे ठीक होता है
इसे ठीक करने को लेकर चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है. जिसके बाद डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार दवाइयां देते हैं.
इसको ठीक करने में दैनिक दिनचर्या की भी अहम भूमिका होती है. इसलिए अपने दैनिक दिनचर्या में ट्रेडमिल पर दौड़ना या नॉर्मल जॉगिंग, रनिंग, ब्रिस्क वॉक जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए. इसके साथ-साथ कार्डियो एक्सरसाइज का भी पॉजिटिव इंपैक्ट देखने को मिलता है.
अपने खान-पान में बदलाव कर थायराइड की समस्या से बहुत हद तक निजात पाया जा सकता है. लेकर ऐसा कहा जाता है खाने में सब्जियां फल अंडे, अनाज इत्यादि को शामिल करना चाहिए और फास्ट फूड से जितना हो सके दूरी बनाना चाहिए. इसके साथ ही डॉक्टर पैकेज्ड फूड और प्रिजर्व फूड को भी अपने खान-पान में शामिल नहीं करने की सलाह देते हैं.
थायराइड के लिए आयोडीन एक महत्वपूर्ण तत्व होता है. इसके अलावा सेलेनियम भी थायराइड एंजाइम को एक्टिवेट करता है. इसलिए चावल, मछली, मांस और सब्जियों को अपने खान-पान में विशेष तौर पर शामिल करना चाहिए.
वहीं कुछ कंडीशंस में ऐसा भी देखा गया है कि इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता होती है.
कुछ घरेलू उपचारों के बाद कर की जाए. तो कुछ घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक तरीकों को भी आजमा कर इससे निदान पाया जा सकता है. जिनमें से अश्वगंधा चूर्ण का सेवन, तुलसी, त्रिफला चूर्ण, हल्दी और दूध, लौकी का महत्वपूर्ण प्रयोग बताया गया है.
थायराइड से निदान के लिए करें यह योगासन
कुछ मामलों में थायराइड को दिनचर्या से संबंधित परेशानी भी बताया गया है. अगर आप अपने सामान्य दैनिक दिनचर्या को ठीक कर लेते हैं. और कुछ योगासन को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं. तो इसके बहुत प्रभावित परिणाम देखे गए हैं.
इन योगासनों को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल कर थायराइड की समस्या से निदान पाया जा सकता है :
- सूर्य नमस्कार
- हलासन
- भुजंगासन
- मत्स्यासन
- सर्वांगासन
- पवनमुक्तासन
डिस्क्लेमर – यह आर्टिकल किसी चिकित्सीय विशेषज्ञ द्वारा नहीं लिखी गई है. यहां बताई गई सारी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियों के आधार पर आपके सामने उपलब्ध कराई गई है. किसी भी सलाह को व्यवहार में लाने से पहले विशेषज्ञ से जरूर संपर्क कर ले.