Suryoday Ke Samay Surya Lal Kyon Dikhai Deta Hai | Suraj Ka Rang Laal Kyu Hota Hai?
Suryoday Ke Samay Surya Lal Kyon Dikhai Deta Hai: सूर्य उदय व् अस्त होने के समय प्रकाश का प्रकिर्णन होता है, जिस कारन हमारे सूरज की किरने पृथ्वी पर चारो तरफ बिखर जाती है, जिस कारन सूरज लाल दिखाई देता है.
Suryoday Ke Samay Surya Lal Kyon Dikhai Deta Hai: सूर्य उदय व् अस्त होने के समय प्रकाश का प्रकिर्णन होता है, जिस कारन हमारे सूरज की किरने पृथ्वी पर चारो तरफ बिखर जाती है, जिस कारन सूरज लाल दिखाई देता है. ये तो आप सभी को पता ही है की सूरज के बिना हमारी धरती पर जीना संभव ही नही है क्युकी सूरज ही हमारे ग्रहों को गुरुत्वाकर्षण बल की मदद से अपने इर्द गिर्द घुमाते रहता है, जिसके बिना हमारा सोलर सिस्टम ही बर्बाद हो जायेगा. लेकिन ऐसा होना संभव नही है. इसलिए आप चिंता न करे.
चलो अब हम सीधे मुद्दे पर आते है की suraj lal kyu hota hai, यदि आप भी ऐसा ही सोच रहे हो आप जानना चाहते हो suraj ka rang lal kyu hota है, जिस कारन आप google पर सूरज का रंग लाल क्यों होता है आदि सर्च करते रहते हो लेकिन आपको अभी तक लाल रंग suraj ke bare mein कोई भी जानकारी नही मिल पाई है तो ये post खास आपके लिए ही है, जहाँ पर हम आपको suraj ka rang lal kyu hai इसके बारे में बारीकी से बतायेगे, जिससे की आपको अच्छे से समझ आया सकेगा की suraj ka rang lal क्यों होता है.
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Suraj Kya Hai?
सूरज एक आग का गोला है जोकि कई सारी गैसों से मिलकर बना हुआ है. जिसे हम साइंस की भाषा में एक तारा भी कह सकते है, इसके केंद्र का तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुचं जाता है और यदि हम अपने सोरमंडल की बात करे तो ऐसे में सोरमंडल के ग्रहों में सबसे बड़ा सूरज ही है और ऐसे में हमारे सभी गृह सूरज के चारों और चक्कर लगाते है. यदि हम इसको आसान भाषा में समझे तो सूरज एक गैस का गोला है जिसका तापमान बहुत ही अधिक है. जिसको हम ब्रम्हांड का तारा भी कहकर पुकारते है. सूरज कहलाता है.
Prakash Ka Prakirnan Kya Hai?
प्रकाश का प्रकिर्णन का मतलब सूरज की रोशनी को चारो तरफ बिखेरना होता है ऐसे में जब सूरज की रोशनी का प्रकिर्णन होता है तो ऐसे में उसकी रौशनी की वेवलेंग्थ के हिसाब से हमारे पृथ्वी पर चारों तरफ फ़ैल जाती है. प्रकाश का प्रकिर्णन कहलाता है.
Suraj Ka Rang Laal Kyu Hota Hai?
सूरज का रंग लाल प्रकाश के प्रकिर्णन के कारन होता है, जोकि हमारे दिल को बहुत ही लुभाता है. अक्सर आपने सूरज को उगते और अस्त होते समय देखा होगा, जिसमे आपको कई सारे रंग दिखाई देते है, जिसमे से सबसे ज्यादा रंग लाल ही होता है, जिसके चलते पुरे आसमान में लाली छा जाती है.
लेकिन ऐसे में क्या आपको पता है की प्रकिर्णन क्या होता है यदि आपको नही पता है तो हम आपको आपकी जानकारी के लिए बता दे की प्रकिर्णन एक ऐसी प्रक्रिया है जब सूरज हमारे धरती से निकलते समय अपने प्रकाश को अपने अंदर से बाहर की तरफ निकालता है तो ऐसे में उसकी पहली किरण सीधे पृथ्वी की परत से टकराती है और उसके तुरंत पश्चात वो किरण चारो तरफ फ़ैल जाती है और ऐसे में हमारे धरती पर मौजूद धुल मिटटी उस किरण के साथ मिलकर उस किरण को एक नया रूप दे देते है, इस प्रक्रिया को ही हम प्रकिर्णन के नाम से जानते है.
ऐसे में जब प्रकाश का प्रकिर्णन होता है तो ऐसे में उस किरण में सात रंग मौजूद होते है जोकि प्रकाश के प्रकिर्णन के समय धरती के टकराव के कारन बिखर जाते है. ऐसे में जिस रंग का प्रकाश प्रकिर्णन सबसे कम होता है वो सूरज के सबसे नजदीक होता है.
Example – Suraj Ka Rang Laal Kyu Hota Hai ?
चलो हम इसको एक example के साथ समझते है – मान लो हमारे बाथरूम का नल एक सूरज है और ऐसे में जब आप उसको चालू करते हो तो ऐसे में वो पानी सीधे हमारे बाथरूम के फर्श पर टकराता है और उसके बाद वो पानी चारों तरफ बिखरने लगता है. ऐसे में जो सबसे हलकी पानी की बूंद है वो काफी दूर जाकर गिरती है और वही जो भरी पानी की बूंद है वो थोड़ी दूर ही गिरती है. इसी प्रकार सूरज की किरने भी हलकी और भारी होती है जोकि हमारी प्रथ्वी की सतह से टकरा कर चारों और बिखर जाती है. ऐसे में जो सबसे हल्का रंग होता है वो काफी दूर चला जाता है और जो भरी होता है वो काफी नजदीक रह जाता है.
सूरज के रंग बढ़ते क्रम अनुसार
लाल – नारंगी – पिला – हरा – नीला – गहरा नीला – बेंगनी
ऐसे में जो रंग सूरज के सबसे नजदीक होता है वो सबसे अधिक प्रकाश प्रकिर्णन करता है और सूरज उगते और अस्त होते समय सूरज के सबसे नजदीक लाल रंग होता है इसलिए उसका सबसे ज्यादा प्रकिर्णन होता है और चारों तरफ लाली फ़ैल जाती है. इसके साथ ही साथ हम आपको आपकी जानकारी के लिए बता दे की सूरज के हर एक किरण की अपनी वेवलेंग्थ होती है और वो उसी के हिसाब से अपने पृथ्वी में फैलती है.
जैसा की हमने पहले ही जान लिया है की सूरज में सात रंग मौजूद होते है और वो पृथ्वी से टकराकर चारों तरफ फैलते है ऐसे में जिसकी जिस रंग की वेवलेंग्थ सबसे छोटी होती है वो सूरज के उतनी ही दूर होता है. अब इससे तो आपको ज्ञात हो ही गया होगा की सूरज लाल क्यों होता है क्युकी सूरज के लाल रंग की वेवलेंग्थ सबसे ज्यादा होती है इसलिए उसका रंग लाल होता है और समय के हिसाब से ये दिन में वेवलेंग्थ कम होती चली जाती है जिस कारन सूरज का रंग भी बदल जाता है और शाम को फिर से सूरज की वेवलेंग्थ ज्यादा हो जाती है और सूरज का रंग लाल हो जाता है.
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Suryoday Ke Samay Surya Lal Kyon Dikhai Deta Hai ?
जब सूरज उदय होता है या फिर अस्त होता है तो ऐसे में उसका ताप कम होता है और ऐसे में उस सूरज की किरणों को पृथ्वी के एक छोर से दुसरे छोर तक एक लम्बी दुरी तय करनी होती है, जिसके चलते सूरज की किरणों का वेवलेंग्थ भी अधिक फैलता है जिस कारन सूरज हमे लाल दिखाई देता है और वही जब सूरज हमारे सर पर आ जाता है तो ऐसे में उसको एक छोर से दुसरे छोर तक जाने के कोई जरुरत नही होती है जिस कारन प्रकाश की वेवलेंग्थ को कम दुरी तय करनी पड़ती है और उस सूरज की किरणों को कम दुरी तय करनी पड़ती है जिस कारन सूरज की किरणों का कम वेवलेंग्थ फैलता है और हमे सूरज लाल नही दिखाई देता है.
F&Q in Hindi, Suryoday Ke Samay Surya Lal Kyon Dikhai Deta Hai
उत्तर – सूरज पूरब से निकलता है.
उत्तर – सूरज पश्चिम दिशा में डूबता है यानि की अस्त होता है.
उत्तर – लाल रंग का प्रकिर्णन सबसे अधिक होता है.
उत्तर – सूरज की किरण में कुल 7 रंग होते है.
उत्तर – सूर्य उदय और अस्त होने का समय निरंतर बदलता रहता है.
उत्तर – भारत में सबसे पहले सूर्य उदय अरुणाचल प्रदेश में होता है.
Conclusion – Suryoday Ke Samay Surya Lal Kyon Dikhai Deta Hai
मैं आशा करता हूँ, आप सभी को suryoday ke samay surya lal kyon dikhai deta hai व् suraj lal kyu hota hai अच्छे से समझ आया होगा. यदि अभी भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट्स में जरुर बता सकते है. हमें आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है.